कर्ज में डूबा था निशांक, SIT का खुलासा- मौत से पहले खुद किया ‘सिर तन से जुदा’ का मैसेज

एसआईटी ने बताया कि निशांक ने कुछ लोगों और कम से कम 18 मोबाइल ऐप के माध्यम से कर्ज लिया था और इसे लेकर वह परेशान था. जांच टीम ने कहा कि यह हत्या नहीं आत्महत्या थी.




मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग छात्र निशांक राठौर की रहस्यमयी मौत का एसआईटी ने खुलासा कर दिया है. जांच के बाद एसआईटी ने कहा कि 21 वर्षीय निशांक राठौर ने कर्ज के कारण ट्रेन से कटकर आत्महत्या की. बता दें कि निशांक का शव 24 जुलाई की शाम को भोपाल से 45 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के बरखेड़ा-मिडघाट इलाके में रेलवे लाइन पर दो टुकड़ों में कटा हुआ मिला था. इस मामले में उसके पिता को किए उसके अंतिम मैसेज ने मौत पर संदेह पैदा किया था. यह मैसेज बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी के कारण हुए विवाद से जुड़ी थी.


दरअसल विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले की गुत्थी सुलझाते हुए कहा कि यह हत्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि मौत से पहले निशांक ने ही अपने पिता को मोबाइल फोन पर हिंदी में अंतिम संदेश गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा भेजा था. इस संदेश से राज्य सरकार और पुलिस में हड़कंप मच गया. ऐसा ही एक संदेश उसने अपने इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किया था.


कई लोगों से लिया कर्ज

इसके अलावा एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि निशांक ने कुछ लोगों और कम से कम 18 मोबाइल ऐप के माध्यम से कर्ज लिया था और इसे लेकर वह परेशान था. एसआईटी ने साफ किया कि यह हत्या नहीं आत्महत्या थी. आत्महत्या से एक दिन पहले 23 जून को उसने अपनी बहन से कॉलेज की फीस भरने के लिए 50 हजार रुपए उधार लिए थे लेकिन उसने फीस का भुगतान नहीं किया.


आत्महत्या को हत्या दिखाने की कोशिश

एसआईटी ने कहा कि हो सकता है कि उसने आत्महत्या को हत्या दिखाने या अपने परिवार के लिए सरकार की सहायता दिलाने और हिंदू राष्ट्रवादियों का समर्थन हासिल करने के लिए पैगंबर के अपमान का मैसेज लिखा हो. उन्होंने कहा कि उदयपुर में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले एक दर्जी की हत्या के बाद नबी की शान में गुस्ताखी माफ नहीं वाला पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल हुआ था.


इंजीनियरिंग का छात्र था निशांक

एसआईटी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि उसके (निशांक) दिमाग में क्या चल रहा था. हम सभी केवल अनुमान लगा रहे हैं. जांच अधिकारियों ने पाया कि शव के पास मिले निशांक का फोन किसी ने नहीं उठाया तथा फोन पासवर्ड से सुरक्षित था. निशांक होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा का रहने वाला था और भोपाल के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था. निशांक ने आखिरी संदेश 24 जुलाई की शाम को 5.44 बजे अपने मोबाइल से भेजा था.



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